आदिवासियों के प्रमुख लोकनृत्य (Major Folk Dances of Indian Tribal) लांगी नृत्य (Langi Dance) – काली की उपासना हेतु किया जाने वाला नृत्य, लांगी नृत्य कहलाता है। यह मध्य प्रदेश के बंजारों द्वारा राखी की पूर्णिमा को किया जाता है। नवरानी नृत्य (Navrani Dance) – यह गौंड जनजाति द्वारा किया जाने वाला नृत्य…
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भारत के अन्य लोकनृत्य (Other Folk Dances of India)
भारत के अन्य लोकनृत्य (Other Folk Dances of India) छऊ नृत्य (Chhau Dance) शैली छऊ का अर्थ है, छाया दर्पण अर्थात् जिस प्रकार दर्पण में अपनी छवि देख सकते हैं ठीक उसी प्रकार अंग प्रत्यंग उपांगों के तोड़-मरोड़ द्वारा छऊ नृत्य में मन की भावना को अभिव्यक्ति किया जाता है। शरीर के इन संचालनों को…
मणिपुरी नृत्य (Manipuri Dance)
मणिपुरी नृत्य (Manipuri Dance) मणिपुरी नृत्य (Manipuri Dance), मणिपुर का प्राचीन नृत्य है, जो वैष्णव धर्म की विषय वस्तु का अवलंबन लेकर शास्त्रीय नृत्य में रंग गया। मणिपुरी नृत्य (Manipuri Dance) में अंग संचालन के दो रूप हैं – ताण्डव और लाश्य। इस नृत्य के अभिनय द्वारा रामलीला एवं कृष्णलीला का जीवंत चित्रण संभव है।…
कत्थक नृत्य (Kathak Dance)
कत्थक नृत्य (Kathak Dance) कत्थक (Kathak) के प्राचीन इतिहास की ओर ध्यान जाते ही प्राचीन मंदिरों का वातावरण उभरना स्वाभाविक है। शास्त्रीय नृत्य की मूलाधार शिला अध्यात्मवाद, ईश्वरीय प्राप्ति कामना और भक्ति भावना नृत्य में कूट-कूट कर भरी है। कत्थक (Kathak) राजस्थान और उत्तर भारत की नृत्य शैली है। यह बहुत प्राचीन शैली है क्योंकि…
ओड़िसी नृत्य (Odissi Dance)
ओड़िसी नृत्य (Odissi Dance) ओड़िसी नृत्य (Odissi Dance), ओडीशा में प्रचलित नृत्य कला की प्राचीन शैली है। यह पूर्णतः अराधना का नृत्य हैं। इसमें नृत्य के माध्यम से समर्पण का भाव धारण किए नर्तक ईश्वरीय स्तुति करते है। 9वीं सदी के लगभग सभी मंदिरों में नृत्य करने वाली देवदासियां अपना समस्त जीवन ईश्वर को अर्पित…
कुचिपुड़ी नृत्य (Kuchipudi Dance)
कुचिपुड़ी (Kuchipudi) कुचिपुड़ी (Kuchipudi) आंध्र प्रदेश का प्रसिद्ध नृत्य है। इसका आधार भरतमुनि का नाट्यशास्त्र हैं। कुचिपुड़ी (Kuchipudi) नृत्य शैली में अनुचालन पर विशेष ध्यान दिया जाता है। दक्षिण भारत में प्रचलित विभिन्न नृत्य शैलियों में कुचिपुड़ी (Kuchipudi) अपनी विशेषता के कारण विलय लगता है। कुचिपुड़ी नृत्य में अंग संचालन स्प्रिंग की भांति होता है।…
मोहिनीअट्टम (Mohiniyattam)
मोहिनीअट्टम (Mohiniyattam) मोहिनी (Mohini) का अर्थ होता है – मन को मोहने वाला। किंवदंती है कि भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप में केरल में सागर के तट पर यह नृत्य किया था। इसलिए इस नृत्य का नाम मोहिनीअट्टम (Mohiniyattam) पड़ा। मोहिनीअट्टम (Mohiniyattam) का उल्लेख मज्हमंगलम नारायणन नम्बुतिरि द्वारा 1709 में लिखित “व्यवहारमाला’’ पाठों और बाद…
कथकली (Kathakali)
कथकली (Kathakali) कथकली (Kathakali) का शब्दिक अर्थ है किसी कहानी पर आधारित नाटक। स्वर्ग लोक की दिव्य नृत्य का के रूप में प्रसिद्ध या कला केरल का प्रसिद्ध नृत्य है। इसमें कलाकार स्वयं गाता नहीं है, बल्कि एक विशेष लय एवं राग के संगीत पर नृत्य करता है। नृत्य की कथावस्तु अधिकांशतः महाकाव्यों एवं पौराणिक…
भरतनाट्यम् (Bharatanatyam)
भरतनाट्यम् (Bharatanatyam) भरतनाट्यम् (Bharatanatyam) तमिलनाडु का प्रमुख शास्त्रीय नृत्य है, जिसे कर्नाटक संगीत के माध्यम से एक व्यक्ति प्रस्तुत करता है। यह नृत्य पहले मंदिर में प्रदर्शित होता था। भरतनाट्यम् (Bharatanatyam), नृत्य कला का अत्यंत प्राचीनतम् रूप है, जिसका मूल भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में निहित है। ईश्वर के प्रति अगाध आस्था के फलस्वरूप इसकी उत्पत्ति…
भारतीय नृत्यकला (Indian Dance Art)
भारतीय नृत्यकला (Indian Dance Art) भारत के पौराणिक ग्रंथों में नटराज शिव का वर्णन मिलता है जो नृत्यकला (Dance Art) में पारंगत माने जाते थे। ऐसा माना जाता है कि नटराज शिव ने 108 विभिन्न तरह के नृत्यों का आविष्कार किया, जिसमें से ताण्डव नृत्य प्रमुख है। जहां तक इसकी प्राचीनता की बात है तो…